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8 दिसम्बर 2024 4.15 PM
नागपुर - जीएसटी फिटमेंट कमेटी द्वारा कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की दर बढ़ाने के लिए जीएसटी सभा में प्रस्ताव रखा जाएगा,जिसका नाग विदर्भ चेंबर ऑफ काॅमर्स ने विरोध जताया है।इन संभावित प्रस्तावों के अनुसार कुछ वस्तुओं पर टैक्स दर 28% से बढ़ाकर 35% किया जा सकता है और कई वस्तुओं पर और सर्विसेस को 12% से बढ़ाकर 18% किया जा सकता है। चेंबर के अध्यक्ष अर्जुनदास आहूजा ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा है कि यदि प्रस्ताव जीएसटी सभा द्वारा स्वीकृत किए जाते हैं तो इससे कीमतों में बढोतरी होगी और महँगाई बढ़ेगी।
चेंबर के सचिव सचिन पुनियानी ने कहा कि जीएसटी की दर बढ़ाने से ग्राहक बिल नहीं मांगेगे और चाहेंगे कि व्यापार नगद में हो, जिससे सरकार को मिलने वाली टैक्स कलेक्शन में भी सेंध लग सकती है। चेंबर की अप्रत्यक्ष कर समिति के संयोजक रितेश मेहता ने कहा कि जब जीएसटी कलेक्शन हर महीने बढ़ रहा है तो रेट बढ़ाने की विशेष जरूरत नहीं हैं, बल्कि जीएसटी कलेक्शन बढ़ने के बाद सरकार को अब जीएसटी कि दरों में कमी करनी चाहिए थी, किंतु सरकार द्वारा जीएसटी दरों में वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। जीएसटी काउंसिल की चेयरपर्सन तथा केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी की दरों को बढ़ाने के प्रस्ताव का खंडन किया है। पर सूत्रों के द्वारा यह बताया जा रहा कि जीएसटी फिटमेंट कमेटी ने जीएसटी दरों को बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है और उसे जीएसटी काउंसिल की आगामी सभा में पास किया जायेगा।
जीएसटी टैक्स दर बढ़ने की खबरों से कपड़ा व्यापारियों में बड़ी चर्चा है, क्योंकि ख़बर यह भी है के रेडीमेड कपड़ों पर भी जीएसटी दर बढ़ाने वाले हैं। सभी राज्यों में रेवेन्यू को लेकर बड़ा दबाव है क्योंकि लाडली बहन जैसी योजनाओं में काफी पैसा लग रहा है। इसलिये सभी राज्यों के वित्तमंत्री भी चाहते हैं कि उनके राज्य का रेवन्यू बरकरार रहे।चेंबर के सदस्यों का कहना है कि सरकार सैलेरी और व्यापार की आय पर तो टैक्स वसूल करती है और फिर उसी करदाता पर पर जीएसटी कि मार लगाती है। इससे व्यापारी और आम जनता दोहरे टैक्स के बोझ में पिसते जाते हैं।