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25 नवम्बर 2022
नागपुर - विदर्भ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने एमआईडीसी के सीईओ डॉ विपिन शर्मा के समक्ष विदर्भ के उद्योगों से संबंधित समस्याओं रखीं।वीआईए ने उद्योगों से संबंधित विभिन्न समस्याओं का एक विस्तृत ज्ञापन भी शर्मा को सौंपा और तत्काल समाधान की अपेक्षा जताई।
यहां वीआईए ऑडिटोरियम में आयोजित एक इंटेरेक्टिव मीटिंग में प्रस्ताविक भाषण वीआईए के सचिव आशीष दोशी ने दिया।एमआईडीसी के सीईओ डॉ विपिन शर्मा का वीआईए के अध्यक्ष विशाल अग्रवाल ने स्वागत कर स्वागत भाषण दिया।एमआईडीसी के डिप्टी सीईओ उपेन्द्र तामोरे और एमआईडीसी के चीफ इंजीनियर राजेश झंझाड का भी स्वागत किया गया। मेमोरेंडम प्रजेंटेशन वीआईए के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण तापड़िया,बीएमए के अध्यक्ष नितिन लोणकर और एमआईडीसी के अध्यक्ष कैप्टन सी एम रणधीर ने किया।
मेमोरेंडम में 30 मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है । इनमें आरओ लेवल पर सिंगल डिवीजन प्लाॅट्स करने,8000 वर्ग मीटर के ऊपर के प्लाॅट्स को प्राथमिकता के क्रम में अलाॅट करने,प्लाॅट ट्रान्सफर के लिए एनओसी कागजात को कम करने,एफएसआई, स्टैम्प ड्यूटी संबधी राहत,प्लाॅट पर बिल्डिंग प्लान की पेनाल्टी से बचने उसकी अवधि बढ़ाने, आक्यूपेंसी सर्टिफिकेट एक नियत अवधि में जारी करने,एमआईडीसी रेट पर स्टैम्प ड्यूटी वसूलने,रेडी रेकनर रेट की असमानता, एमनेस्टी स्कीम,लैंड अलाॅटमेंट में देरी, जीएसटी,कोविड के दौरान दी गई प्रोविजनल ओसी को फाइनल ओसी मानने,एमआईडीसी के ओपन स्पेस को गार्डन विकसित करने उद्योजकों को देने, क्षेत्र में प्राथमिक सुविधाएं जैसे रोड़,पानी आदि की आपूर्ति सुचारू रूप से करने,ईपीएससी चार्ज कम करने, गार्बेज जैसी कई समस्याओं के तत्काल समाधान करने की मांग की गई है।
इस अवसर पर प्रमुखता से वीआईए के पूर्व उपाध्यक्ष रोहित बजाज,गौरव सारडा, डॉ सुहास बुद्धे,कलमेश्वर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अमर मोहित, फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन विदर्भ, चंद्रपुर के अध्यक्ष मधुसूदन रुंगटा,वीआईए के पूर्व अध्यक्ष प्रफुल्ल दोशी, शैलेन्द्र मानावत, गिरधारी मंत्री, डॉ अनिता राव,कौशल मोहता,पंकज बख्शी और एमआईडीसी के महेंद्र पटेल, सुनील आकुलवार उपस्थित थे।
इंटेरेक्शन मीटिंग में वीआईए के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण तापड़िया ने कहा कि आज हर कार्य के लिए मुंबई चक्कर काटना पड़ता है और इसके कारण विदर्भ के औद्योगिकीकरण की गति थम सी गई है।निवेशक समस्याओं के शीघ्र समाधान की बाट जोह रहे हैं। छोटे से छोटे काम के लिए मुंबई दौड़ने से मुक्ति के लिए एमआईडीसी के रीजनल ऑफिस को अतिरिक्त अधिकार देने की मांग की।
बूटीबोरी मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नितिन लोणकर ने कहा कि मार्केट रेट और एमआईडीसी के रेट में भारी अंतर होने के बावजूद भी आज एमआईडीसी में प्लाॅट ट्रान्सफर के लिए उद्यमियों को रेडी रेकनर रेट पर स्टैम्प ड्यूटी चुकानी पड़ रही है।इस आधार पर कैपिटल गेन टैक्स भी भरना पड़ता है।आज बंद इंडस्ट्री को कोई नहीं लेना चाहता। उन्होंने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की ओर भी ध्यान आकर्षित किया और कहा कि उद्योगों के सामने बडी कठिनाइयां हैं। अतिरिक्त बूटीबोरी के हाल से सभी वाकिफ हैं, अतः इसकी मार्केटिंग पर जोर दिए जाने की जरुरत है।
एमआईडीसी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष सी एम रणधीर ने कहा कि कटु सत्य यह है कि एमआईडीसी हिंगना औद्योगिक क्षेत्र में 50 वर्ष का कूड़ा कचरा पड़ा हुआ है।साफ सफाई के अभाव में उद्यमी और श्रमिक काम करने को मजबूर हैं।पानी निकासी के लिए सीवरेज लाइन नहीं बन पाई है। इसके लिए कई बार कहा गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सफाई के लिए अपना-अपना चार्ज जरुर वसूलते हैं।नए उद्यमियों को प्लाॅट नहीं मिल पा रहे हैं।
उद्यमियों की समस्याओं पर सीईओ डॉ विपिन शर्मा ने उद्यमियों को आश्वासन दिया कि सभी समस्याओं का समाधान करने का हरसंभव प्रयास करेंगे। उन्होंने यहां से मुंबई जाने वाली फाइलों के त्वरित निपटारे की बात भी कही।