प्राकृतिक खेती केवल एक विकल्प नहीं, सतत कृषि के लिए भविष्य की आवश्यकता

Painter: Artist busy on his creative work

VIA

30 अक्टूबर 2025                    5.30 PM

नागपुर - वीआईए एग्रो रूरल डेवलपमेंट एंड फूड प्रोसेसिंग फोरम ने वीआईए, उद्योग भवन, नागपुर में "हरित उद्यमिता : पान की खेती, स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के लिए माइक्रोग्रीन्स और प्राकृतिक खेती" पर एक ज्ञानवर्धक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों और कृषि उद्यमियों के लिए टिकाऊ कृषि पद्धतियों, हरित उद्यमिता और स्वास्थ्य-उन्मुख कृषि नवाचारों को बढ़ावा देना था।

कार्यशाला में प्रख्यात वक्ताओं ने अपने व्यावहारिक ज्ञान और शोध अंतर्दृष्टि साझा की।आयुर्वेद विशेषज्ञ अरुण वाजे ने "प्राकृतिक खेती,अपनी उपज 30% बढ़ाएँ" विषय पर एक ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया, जिसमें मिट्टी की उर्वरता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए पुनर्योजी और पर्यावरण-अनुकूल कृषि प्रणालियों को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

डॉ. योगेश पावशे, बागवानी विशेषज्ञ, लैंडस्केप डिज़ाइनर और कृषि सलाहकार, ने "पान की खेती, फायदे का सौदा" प्रस्तुत किया, जिसमें पान की खेती की आर्थिक क्षमता और बाज़ार के अवसरों के बारे में बताया गया।

संतालम एरोमैटिक्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक, संजय सिन्हा ने "माइक्रोग्रीन्स,सतत पोषण का मार्ग" विषय पर एक आकर्षक सत्र आयोजित किया।उन्होंने मूंग, मसूर, गेहूँ, मोठ, सरसों और मूली के बीजों का उपयोग करके सजीव माइक्रोग्रीन की खेती का प्रदर्शन किया, जिसमें उनके अपार पोषण मूल्य और सीमित स्थानों में भी उत्पादन में आसानी को दर्शाया गया। माइक्रोग्रीन्स सत्र इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा, जिसने प्रतिभागियों में स्वास्थ्य संचालित, लाभदायक कृषि-उद्यम के रूप में इसकी क्षमता के प्रति अत्यधिक उत्साह जगाया।

"प्राकृतिक खेती एक आवश्यकता है" विषय पर सत्र वीआईए एग्रो फोरम के मेंटर आर. बी. गोयनका ने दिया, जिन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्राकृतिक खेती केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि सतत कृषि के लिए भविष्य की आवश्यकता है। कार्यक्रम का संचालन वीआईए एग्रो फोरम की संयोजक शची मलिक ने किया, जबकि स्वागत भाषण वीआईए एग्रो फोरम के अध्यक्ष ओम जाजोदिया ने दिया। कार्यक्रम का समापन डॉ. रीना साहा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

कार्यशाला का आयोजन वीआईए एग्रो फोरम के सदस्यों डॉ. कीर्ति सिरोठिया, कपिल साहू, लक्ष्मीकांत पडोले और अनिरुद्ध अनसिंकर के बहुमूल्य सहयोग से सफलतापूर्वक किया गया। इस कार्यक्रम में किसानों, कृषि-स्टार्टअप्स और उद्यमियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जिन्होंने पर्यावरण-अनुकूल, आय-सृजनकारी और स्वास्थ्य-आधारित कृषि पहलों को बढ़ावा देने में वीआईए एग्रो फोरम के प्रयासों की सराहना की।




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